1 Part
345 times read
17 Liked
"अब फर्क़ महसूस नहीं करती हूं मैं" अब हंसती हुई फज़ाओं से बातें नहीं करती हूँ मैं अब रोते हुए आसमाँ की सदा भी नहीं सुनती हूं मैं अब हंसने और ...